14 साल का इंतजार खत्म, RCB की जीत बनी फैंस के लिए जश्न की रात
RCB vs RR: RCB भले ही अब तक IPL चैंपियन ना बनी हो. लेकिन मौजूदा सीजन में जिस तरह से उसकी गाड़ी जीत के ट्रैक पर दौड़ रही है, उसे देखते हुए इस बार उसके ट्रॉफी जीतने की संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. 24 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स को 11 रन से हराकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने IPL 2025 में अपनी छठी जीत दर्ज की और पॉइंट्स टेबल में तीसरे नंबर की जगह हथिया ली. लेकिन, RCB के लिए राजस्थान पर मिली जीत बस इसी वजह से खास नहीं रही. बल्कि उस जीत के मायने उसके लिए कहीं बढ़कर रहे. बेंगलुरु में राजस्थान के रजवाड़ों को हराकर RCB ने अपना वनवास खत्म किया. उस यादगार जीत की कहानी लिखी, जिसका इंतजार पिछले 14 सालों से था.
RCB ने खत्म किया वनवास
राजस्थान रॉयल्स पर मिली जीत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए IPL 2025 में अपने होम ग्राउंड यानी एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम पर मिली पहली जीत रही. लगातार 3 मैच गंवाने के बाद ये जीत उन्हें अपने घर में मिली है. IPL 2025 में घर में पहली जीत का दीदार करते हुए RCB ने वनवास को भी खत्म किया. फिर कुछ ऐसा भी देखने को मिला जो आखिरी बार IPL में 14 साल पहले यानी साल 2011 में देखने को मिला था.
14 साल बाद दर्ज की ऐसी जीत
अब आप सोच रहे होंगे कि साल 2011 में ऐसा हुआ क्या था? तो वो किस्सा RCB के IPL में पहले बल्लेबाजी कर 205 रन का स्कोर बनाने और फिर जीत दर्ज करने से जुड़ा है . IPL इतिहास में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने अब तक 6 बार पहले बल्लेबाजी करते हुए 205 रन का टोटल खड़ा किया है. लेकिन, उसके बाद जीत सिर्फ 2 बार ही हासिल की है. वो दूसरी बार जीत का मौका 24 अप्रैल की शाम राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले में आया. पहली बार RCB ने 2011 के IPL में पजाब किंग्स के खिलाफ 205 रन बनाकर जीत दर्ज की थी.
RCB ने राजस्थान को ऐसे हराया
बेंगलुरु में पहले बैटिंग करते हुए RCB ने जो 205 रन बनाए, उसके जवाब में राजस्थान रॉयल्स 20 ओवर के बाद 9 विकेट पर सिर्फ 194 रन ही बना सकी. बेंगलुरु की ओर से विराट कोहली और देवदत्त पडिक्कल ने शानदार अर्धशतकीय पारियां खेलीं. वहीं राजस्थान रॉयल्स की ओर से कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं जमा सका. यशस्वी जायसवाल 49 रन बनाकर एक बार फिर से अपनी टीम के टॉप स्कोरर रहे. उनके अलावा ध्रुव जुरेल ने 47 रन बनाए. RCB ने जहां अब तक खेले 9 मैचों में छठी जीत के साथ अपनी पोजिशन मजबूत की. वहीं. 9 मैंचों में 7वीं हार के बाद राजस्थान के लिए प्लेऑफ के रास्ते अब लगभग बंद से दिख रहे हैं.