भोपाल : मध्यप्रदेश की नर्सिंग छात्राओं ने अपने प्रवेश और भविष्य को लेकर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहें एनएसयूआईं पदाधिकारियों और छात्राओं को विधानसभा जाने से रोक तो उन्होंने तेज बारिश में बीच सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन किया पुलिस ने एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर अभय रामभक्त सचिन भदौरिया सहित कई पदाधिकारियों को हिरासत में लिया । 

60 हजार छात्राओं के हक की लड़ाई

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश की 60 हजार छात्राओं के हक की लड़ाई हैं हम निरंतर लड़ रहे हैं। सरकार पुलिस के दम पर आवाज दबाने का प्रयास कर रहीं हैं, लेकिन हम छात्राओं की आवाज दबने नहीं देंगे। 

प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं

परमार ने बताया कि मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (व्यापम / ESB) द्वारा प्री-नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (PNST)-2022 की परीक्षा जून 2023 में आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के परिणाम पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगा दी गई थी, लेकिन 27 मार्च 2025 को हाईकोर्ट के आदेश के बाद परीक्षा परिणाम जारी कर दिया गया। लेकिन आज तक  प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।

2022-23 की सभी सीटें खाली

अक्षय तोमर ने कहा कि प्रवेश के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, जिसके चलते शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सत्र 2022-23 की सभी सीटें खाली पड़ी हैं। इन सीटों पर प्रवेश के लिए छात्राएं हाईकोर्ट से लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन न्याय न मिला उनकी इस लड़ाई में एनएसयूआई पूरी मजबूती से साथ खड़ी हैं।

छात्राएं बोलीं-हमें न्याय नहीं मिला 

प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने बताया कि प्रदेश की लगभग 60 हजार से ज्यादा छात्राओं ने PNST-2022 (Pre Nursing Selection Test) की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा के परिणाम पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसके कारण लगभग दो वर्ष तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया बाद में हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि परीक्षा का परिणाम जारी किया जाए। हालांकि यह रिजल्ट छात्राओं की संतुष्टि के लिए औपचारिक रूप से जारी किया गया है लेकिन इससे हमें न्याय नहीं मिला अब हम निरंतर लड़ाई लड़ेंगे ।